BIHAR SCHOOL EXAMINATION BOARD (BSEB) ने की 75% उपस्थिति अनिवार्य – Very Useful

BIHAR SCHOOL EXAMINATION BOARD (BSEB) ने की 75% उपस्थिति अनिवार्य – Very Useful

BIHAR SCHOOL EXAMINATION BOARD (BSEB) – हमारे पाठकों की मांग और टिप्पणियों के अनुसार, हम यह लेख प्रकाशित कर रहे हैं। यदि आप ( BIHAR SCHOOL EXAMINATION BOARD (BSEB) ने की 75% उपस्थिति अनिवार्य ) के बारे में जानना चाहते हैं, तो पढ़ना जारी रखें और अधिक जानें।

BIHAR SCHOOL EXAMINATION BOARD

बिहार बोर्ड के तरफ से शिक्षा को बेहतर करने के लिए एक कदम उठाया गया है इसके अंतर्गत बिहार के सभी सरकारी स्कूलों को यह सूचना दिया गया है कि जितने भी छात्र-छात्राएं नौवीं से 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं उनकी स्कूल में 75% उपस्थिति अनिवार्य है अन्यथा उन्हें किसी भी प्रकार की सरकारी लाभ जैसे प्रोत्साहन राशि छात्रवृत्ति या बोर्ड परीक्षा से वंचित कर दिया जाएगा।

बिहार बोर्ड के द्वारा एक और बड़ा कदम उठाया गया है जिसके अंतर्गत किसी भी छात्र के अभिभावक को यह स्पष्ट करना होगा कि उनका बालक पढ़ाई करने के लिए स्कूल में जा रहे हैं या नहीं इसके लिए बिहार बोर्ड में शपथ पत्र का निर्माण किया है जिसे सोमवार को ही बिहार के सभी स्कूलों में भेज दिया गया है इससे यह सुनिश्चित कर लिया जाएगा कि कोई भी छात्र विद्यालय जा रहे हैं या नहीं यदि नहीं जाएंगे तो इसके जिम्मेदार उनके अभिभावक स्वयं होंगे।

बिहार बोर्ड द्वारा 75% स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य करने के बाद विद्यार्थियों को क्या परेशानियां है?

बिहार राज्य में ऐसे कई स्कूल है जो बिहार बोर्ड के सहारे अपने प्राइवेट स्कूल को चलाते हैं जहां पर अच्छे शिक्षकों की व्यवस्था होती है। किंतु ऐसे कई सरकारी स्कूल है जहां पर शिक्षकों की अभी तक व्यवस्था नहीं हो पाई है इससे परेशानी है कि अगर स्कूल छात्र गए तूने पढ़ आएगा कौन। क्योंकि स्कूल में अधिक से अधिक समय देना पड़ता है। और अधिक से अधिक समय देने का क्या फायदा जब उनका कोर्स पूरा ना हो पाए।

यदि छात्र स्कूल गए तो उन्हें पढ़ाने वाले कोई शिक्षक नहीं है और ना गए तो उन्हें बिहार बोर्ड द्वारा नहीं परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी और ना ही किसी भी प्रकार की लाभ मिल पाएगी।

अभिभावकों के लिए शपथ पत्र क्या है?

बिहार बोर्ड ने शपथ पत्र के माध्यम से जा सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि उनके बालक और स्कूल जा पा रहे हैं या नहीं। शपथ पत्र के माध्यम से बोर्ड और सुनिश्चित करेगा कि स्कूल में छात्र पढ़ाई के लिए जा रहे हैं या नहीं। क्योंकि स्कूल झूठा दावा कर सकता है कि छात्र स्कूल में पढ़ाई के लिए आ रहे हैं किंतु कोई भी अभिभावक इस बात की पुष्टि गलत नहीं कर सकता है। और बिहार बोर्ड भली-भांति इस बात को जानता है इसलिए उन्होंने शपथ पत्र की घोषणा की है।

स्कूल में 75% उपस्थित नहीं होने पर विद्यार्थी के बोर्ड एग्जाम पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

बिहार बोर्ड के माध्यम से चलने वाले बिहार राज्य के सभी स्कूल के छात्र-छात्राएं अक्सर मैट्रिक या इंटर में स्कूल नहीं जाते हैं। किंतु अन्य बोर्ड के छात्रों को स्कूल जाना अनिवार्य रहता है। बिहार बोर्ड लगातार अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए इस नियम में बदलाव किया है। यदि कोई छात्र स्कूल में 75% उपस्थित नहीं कर पता है तो तो इसका प्रभाव उनके बोर्ड एग्जाम के साथ-साथ अन्य सरकारी लाभ पर भी पड़ेगा। और बोर्ड एग्जाम के लिए उन्हें एडमिट कार्ड जारी नहीं किया जाएगा जिस कारण से वह बोर्ड द्वारा आयोजित मैट्रिक या इंटर की वार्षिक परीक्षा को नहीं दे पाएंगे।

बिहार बोर्ड का 75% उपस्थिति अनिवार्य करने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

बिहार बोर्ड का 75% उपस्थिति अनिवार्य करने का मुख्य उद्देश्य अपने शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना है।

चुंकि बिहार वर्षों से ही अशिक्षित राज्य रहा है। किंतु कई वर्षों से शिक्षा पर लगातार प्रयास करने के बावजूद बिहार की शिक्षा दर कम रह जाती है इस समस्या को दूर करने के लिए बिहार बोर्ड में 75% स्कूल में उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।.

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